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भाव शून्य

कभी कभी मैं अपने दुखों से उभरना नहीं चाहता क्योंकि वो पीड़ा ही मेरे अंदर समस्त भावों को शून्य कर देती है अपने भाव में वही एकमात्र चीज़ है जो मेरी अपनी हैं जो मेरे देह को सुन्न कर देती है, जो सुख कभी पाया था ये दुःख शाय़द उसी का भुगतान है....!!! #A🖋